सेतुबंध (Setubaṃdha)

ebook

By जगराम सिंह (Jagarāma Siṃha)

cover image of सेतुबंध (Setubaṃdha)

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...
मानव-मूल्यों के सोपानों पर पैर रखते हुए पशुत्व से नारायणत्व की महायात्रा पूर्णकर अपने जीवन को सार्थक करता है और भावी पगडंडियों हेतु अमिट पदचिन्ह पथावलोकन हेतु छोड़कर भूत का सुखद आभास कराता है। जिससे हर मानवीय संवेदना आचरण हेतु प्रबल अवलंवन प्राप्त कर सृष्टि में अपने आत्मीय आलिंगन से भोर का द्वार खोलकर सुख, समृद्धि, शांति की सुरसरिता बहाकर जगत कल्याण का मार्ग सुगम कर सके और चतुर्दिक सुसंस्कारों की अभेद दीवार खड़ी कर सूर्य के देदीप्यमान आलोक से प्रकाशित पावन मातृभूमि, शाश्वत धर्म, नित नूतन चिरपुरातन संस्कृति, प्राण स्वरूप हिन्दुत्व, जीवन का सच्चा मीत सदाचार, दिव्य-भव्य-तेजस्वी चरित्र, वसुधैव कुटुंबकम कृण्वन्तो विश्वमार्यम् को सार्थक करने वाली मानवता आदि सभी को हार में मोतियों सा पिरोकर व्यष्टि से परमेष्ठि तक के मार्ग को सुगम करने वाला ऐसा साधन रूप "सेतुबंध" विश्व मंगल कामना का साक्षात्कार बन सके यही मंत्र प्रस्तुत पुष्प के अंतःकरण की प्रेरणा है।
सेतुबंध (Setubaṃdha)